एक तुम हो जो पानी पर भी उकेर देते हो मन की भावनाएं, एक मैं हूं जो काग़ज़ पर कुछ भी उकेर नहीं पाती
Tuesday, January 25, 2011
Sunday, January 23, 2011
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एक तुम हो जो पानी पर भी उकेर देते हो मन की भावनाएं, एक मैं हूं जो काग़ज़ पर कुछ भी उकेर नहीं पाती