एक तुम हो जो पानी पर भी उकेर देते हो मन की भावनाएं, एक मैं हूं जो काग़ज़ पर कुछ भी उकेर नहीं पाती
गणेश जी का ऐसा अवतार पहली बार दिखा। अच्छी रचना है।
गणेश जी का ऐसा अवतार पहली बार दिखा। अच्छी रचना है।
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